Thursday, February 13, 2025

बिटिया की शादी

  



बिटिया रानी की शादी कोपेनहैगन में सिविल मैरिज तरीके  से हुई .

कोई रस्मो रिवाज़ नहीं, परिवार के पांच लोगों की मौज़ूदिगी में .

जीवन साथी मूलतः कर्णाटक के निवासी हैं .

सो तय हुआ कि एक पारम्परिक विवाह भोज परिजनों के लिए किया जाय. 

कन्नड़ शब्द हैऊटा”( भोजन )-केले के पत्ते पर परोसा गया .

सम्बन्धी परिवार की छत पर मेज जोड़ कर पंगत बैठी .

मेहमान /रिश्तेदार, उत्तर, दक्षिण भारत से आये थे .

नव दम्पति के मित्र विश्व के कई कोनों से आये थे .

डर था कि इन्हें कर्णाटक शैली का पूर्ण शाकाहारी भोजन रास आएगा कि नहीं.   



"ऊटा" में रोटी /नान पूड़ी कचौड़ी , मटर पनीर ,दाल मखनी तो होती नहीं .

दक्षिण भारतीय खाने के नाम पर मशहूर डोसा,इडली वड़ा भी नहीं .

मीठे में जलेबी /रबड़ी ,गुलाब जामुन या आइसक्रीम .

पर आशंका गलत निकली 

एकबार पंगत बैठी ,केले का पत्ता बिछा कर ,

थोड़ी मात्रा में व्यंजन परसे जाने लगे ,

तो सुधि जनों ने नए स्वाद वाले खाने को शौक से खाया .

रोटी नहीं तो 'चावल के आटे से बनी  'अक्की रोटी' खायी गई .

पुलाव की जगह दलिये का "बिसि बिले भात’,

सब्जियों और सांभर में पगा हुआ था .

खस्ता 'मद्दुर वड़ामूंगफली की चटनी के साथ जमा  .

मीठे में पोस्ते की पायसम (खीर जैसी) थी, पूरणपोली जैसी होलिगे (घिसे हुए नारियल और गुड़ से बनी) आखिर में स्थानीय एलेक्की केला और पान.

परिजनों ने तृप्त होकर नव दम्पत्ति को आशीर्वाद दिया .

उनकी कल बर्लिन रवानगी है .