Sunday, September 14, 2025

जय बैंगलोर दर्शिनी 

बिटिया रानी ने घर आने पर दोसा खाने की इच्छा बताई 

बर्लिन से इतने दिनों बाद आईं है 

लो जी क्या बात हैअभी चलते है दोसा खाने ,

सारा बैंगलोर दोसा रेस्टॉरंटो से भरा पड़ा है 

हर गली चौराहे पर ठेले पर मिलने वाले ९९ किस्म के दोसा  से लेकर 

फाइव स्टार होटलों में हर किस्म का दोसा मिलता है 

सादामसालारवा दोसापेसरट्टु (मूंग दाल से बना), मुट्टा दोसारागी दोसा,
सब कुछ उपलब्ध है 
बिटिया रानी को मैसूर मसाला दोसा पसंद हैअंदर लाल चटनी समाविष्ट,

करारा दोसादो कटोरी सांभर के साथ 

पहले तो हम लोग गली के मोड़ पर स्थित उडुपी पार्क में जाकरखड़े खड़े ही खा लेते थे 

पर अबकी बार सोचा कि थोड़े संभ्रांत स्तर के होटल आजमाए जाएं 

पहले कर्नाटक गोल्फ क्लब और फिर Essoto का दोसा खाया गया 

पर बात बनी नहींबिटिया रानी को दर्शिनी प्रणाली का दोसा चाहिए था 

दर्शिनी होटल बैंगलोर के सुलभक्विक सर्विस रेस्टोरेंट की श्रृंखला है,

बम्बई के उडुपी भोजनालयों की तरह 

काउंटर पर जाकर टोकन लीजियेदाम अदा करें और आपकी पसंदीदा डिश मिनटों में हाज़िर है 

सीमित डिशें हैंइडलीवड़ा उपमाकेसरी भात और हर दिल अजीज़ मसाला दोसा  

स्टील की प्लेट में नारियल की चटनी और कटोरी में दक्षिण कन्नड़ा  

शैली का साम्भरगुड़ का पुट लिए हुए 

साथ में कांच के गिलास में कड़क फ़िल्टर कॉफ़ीमज़ा दुगुना हो जाता है 

१९८३ में प्रभाकर जी ने कैफ़े दर्शिनी की जयनगर में शुरुआत कर इस परंपरा को जन्म दिया था 

उन्होंने विदेशों में मैक डोनाल्ड KFC जैसे QSR रेस्तौरां देखे थे और दक्षिण 

भारतीय टिफ़िन को,उस प्रणाली से चलाना चाहते थे 

गाडी चल निकली और खूब चली,

एक समय १००० से ज्यादा दर्शिनी होटल बैंगलोर में चलते थे 

आजकल उडुपी पार्क नाम की चेन मशहूर है 

बिटिया रानी ने शौक से मैसूर मसाला दोसा खायाफ़िल्टर कॉफ़ी पी और तृप्त हुईं 

बोलीं यह था असली मसाला दोसा  

भोजन भट्ट की जान में जान आई