कल्याण मंडप के दूसरे भाग में मेज कुर्सियों पर पंगत जमी .
परोसनेवालों ने पहले सफ़ेद कागज का लंबा मेजपोश बिछाया,
फिर उसके ऊपर पानी से धुले केले के पत्ते बिछाए गए.
बाल्टियांभर कर लोग परोसने लगे उत्सुकता थी
देखें यहाँ क्या मिलेगा.
शायद बंगलोर-मैसूर क्षेत्र की तरह नमक, अचार ,भिगोई हुई मुंग की दल का सलाद से शुरुआत हो.
फ़िर बिसेबेल्ले भात ,चावल, संभार,रसम और अंत में दही चावल और मिठाई .
लेकिन यहाँ तो कुछ और ही माजरा था.
रुमाली रोटी ,पुलाव , सफ़ेद चने की सब्जी ,लगा शायद पनीर बटर मसाला भी परोसा जाएगा .
अब दिल्ली दूर नही वाला दृश्य था .
उडुपी -पंजाब का संगम होने सा लगा.
फ़िर दृश्य पलटा. जो गीली सब्जी अब परोसी गई
वह नारियल के रसे में पकी कटहल की तरकारी थी.
पड़ोसी केरल का प्रभाव दिखा कुद्रुन की सूखी सब्जी और मसालेदार बीन्स की तरकारी
साथ में केरल शैली के उबले चावल.
कुछ कुछ स्वाद बदला.मंगलोरी स्वाद की साम्भर और दही भी परसे गए.
साथ में अचार.अंत में मिठाई.
पहले इदिअप्पम (सेवैयं जैसा) के ऊपर मीठी दूध की खीर.
लेकिन अभी कुछ और बाकी था
पूर्रनपोली के साथ केले की मीठी रसे वाली खीर.
तृप्ति का अहसास हो रहा था .आइसक्रीम की और देखा भी नहीं.
अब सच्चा आशीर्वाद दूल्हा दुल्हन के लिए निकला .मंगलमय हो इनका जीवन...
अगली बारी अक्की रोटी
परोसनेवालों ने पहले सफ़ेद कागज का लंबा मेजपोश बिछाया,
फिर उसके ऊपर पानी से धुले केले के पत्ते बिछाए गए.
बाल्टियांभर कर लोग परोसने लगे उत्सुकता थी
देखें यहाँ क्या मिलेगा.
शायद बंगलोर-मैसूर क्षेत्र की तरह नमक, अचार ,भिगोई हुई मुंग की दल का सलाद से शुरुआत हो.
फ़िर बिसेबेल्ले भात ,चावल, संभार,रसम और अंत में दही चावल और मिठाई .
लेकिन यहाँ तो कुछ और ही माजरा था.
रुमाली रोटी ,पुलाव , सफ़ेद चने की सब्जी ,लगा शायद पनीर बटर मसाला भी परोसा जाएगा .
अब दिल्ली दूर नही वाला दृश्य था .
उडुपी -पंजाब का संगम होने सा लगा.
फ़िर दृश्य पलटा. जो गीली सब्जी अब परोसी गई
वह नारियल के रसे में पकी कटहल की तरकारी थी.
पड़ोसी केरल का प्रभाव दिखा कुद्रुन की सूखी सब्जी और मसालेदार बीन्स की तरकारी
साथ में केरल शैली के उबले चावल.
कुछ कुछ स्वाद बदला.मंगलोरी स्वाद की साम्भर और दही भी परसे गए.
साथ में अचार.अंत में मिठाई.
पहले इदिअप्पम (सेवैयं जैसा) के ऊपर मीठी दूध की खीर.
लेकिन अभी कुछ और बाकी था
पूर्रनपोली के साथ केले की मीठी रसे वाली खीर.
तृप्ति का अहसास हो रहा था .आइसक्रीम की और देखा भी नहीं.
अब सच्चा आशीर्वाद दूल्हा दुल्हन के लिए निकला .मंगलमय हो इनका जीवन...
अगली बारी अक्की रोटी
4 comments:
संजय जी, अच्छा लग रहा है.... आप भी जुड़ गये...अपने सारे मित्र कुछ न कुछ लिख रहे हैं...और इसी ब्लॉग की वजह से हम अलग अलग रहते हुए भी जुड़ा महसूस करते हैं....अपना ईमेल आई डी ज़रा बताएं...
भोजन भट्ट की रसोई में क्या क्या मिलेगा ? सिर्फ नाम या और कुछ ?
विमल भाई
इसी बहाने मुलाकात होगी
sanjaiverma@gmail.com
स्वागत
दक्षिण भारत की रेसिपेस से शुरू करने का इरादा है
बिस्मिल्लाह कीजिये
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