पहली नज़र में यह भले ही खाए हुए/अघाये हुए जने का शब्द विलास लगे पर अच्छा खाना भी अच्छे जीवन की चाहत के साथ जुडा है खाने का मिजाज बिगड़े तो ज़िंदगी का हिसाब बिगड़ते देर नहीं लगतीरहा सवाल उसके लिए अर्थ जुगाड़ने का तो ऋषि जन कह चुके हैं " रिणं कृत्वा घृतं पिबेत "तो शुरू करें भोजन भट्ट की रसोईपहली यात्रा मंगलोर की ओर
4 comments:
भोजन का मामला सिर्फ़ पेट भरने का मामला नहीं है यह टेस्ट का -- आस्वाद का -- मामला है .भले ही यह छत्तीस व्यंजनों का दस्तरखान न हो कर रोटी-चटनी,प्याज़-रोटी,अचार-रोटी का मामला हो.तब भी अन्ततः यह आस्वाद का मामला है --मेहनतकश के अपने आस्वाद का .
zarur
आईये भोजन भट्ट जी-स्वागत है. भूख भी लगी थी और सुस्वादु भोज की दरकार भी. आप आये मानो बहार आई.
नियमित लिखें. शुभकामनायें.
acchi hindi aur suswadu bhojya padarth dekh ke man khus hua.Mutta dosa Patna ke egg roll jaisa hi pratit hota hai.Diffrence bas flour ka hai ..aasha hi nahin purna viswas hai ki bhojan bhatt bihar UP bhi padharenge..
happy blogging
sanjiv
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