जब नील आर्म स्ट्रोंग चाँद पर पहली बार पहुंचे तो जोर की भूख लगी थी
सुरक्षा के लिए साथ गए इंसपेक्टर मातादीन ने सुझाव दिया कि जनाब होटल में चलकर कुछ ले लेते हेंचार कदम भी न चले थे कि 'शेरे पंजाब ढाबा ' का बोर्ड नज़र आ गया
चारपाई पर बैठ कर दाल fry और तन्दूरी चिकन खाया ,लस्सी पी और तृप्त होकर अपने रॉकेट में वापस बैठ गए .
लौटकर जब अमेरिका आए तो रेडियो ,अन्य मीडिया के द्वारा उनकी सेहत का राज जानकर अमरीका के हर शहर में ढाबे खुलने लगे .
अब तो कहते हैं अन्तार्तिका में पंजाबी ढाबा खोलने के लिए पहली अर्जी संयुक्त राष्ट्र संघ में दाखिल हो गई है
देखा देखी हिंदुस्तान के बहुत से शहरों में भी ढाबे खुलने लगे हैं
बस यहाँ किसी अर्जी की ज़रूरत नहीं पड़ती तो चलें सबसे अच्छे ढाबों की सैर पर
1 comment:
ये बदला हुआ रूप ्काफ़ी आकर्षक लग रहा है..चलिये मातादीन का नाम लेकर बहुत कुछ याद दिला दिया....लिखते रहें
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