Friday, January 9, 2009




डबल बीन्स का मेला

गुरूवार की छुट्टी थी
जब संगिनी से पूछा कि सिनेमा हॉल में गजनी फ़िल्म देखने चलना है या
सज्जन राव सर्कल चलें अवरेकई (डबल बीन्स) का मेला देखने
तो उन्होंने भोजन भट्ट की आशा के अनुरूप जवाब दिया
"मैं तो ख़ुद अवरेकई खरीदने के बारे में सोच रही थी ""
दिल बल्ले बल्ले करने लगा


अवरेकई हरी फली के परिवार की सेम जैसी सब्जी है
जो हरी मटर की तरह जाडों में फलती है
अन्दर की फली को बोल चाल की भाषा में डबल बीन्स कहतें हैं
पुराने दिनों में जाडों के मौसम में लोग धूप खाते हुए इसे छीलते थे
फली का व्यंजन बनाते थे, छिलके गाय गोरु को डाल देते थे
उत्तर भारत में मटर की छिम्मी की तरह
मकर संक्रांति के दौरान पुराने मैसूर राज्य में रागी मुद्डे के साथ अवरेकई का साम्भर बनता था
आजकल मकर संक्रांति से पहले पखवाडे में पुराने बैंगलोर के सज्जन राव सर्कल पर यह मेला लगता है
आखिर कार बंगलोर शब्द बना है कन्नड़ शब्द बेन्दकलूरू से जिसका अर्थ है City of Boiled Beans
तो लोगों से रास्ता पूछते हम लोग पहुँच ही गए डबल बीन्स का मेला
मेला जैसी भीड़ भाड़ नही थी ,
एक दुकान (Vasavi Condiments)के सामने शामियाना लगा था
कतारबद्ध लोग कूपन खरीद रहे थे ,हाथों में झोले थे
तवे पर डोसा तले जाने की खुशबू आ रही थी
दुकान से ताजी/ छिली अव्रेकालू बीन्स २५-३० रुपये फी सेर खरीदी जा सकती
हमने दोनों तरह की खरीदी ,सोचा साम्भर और बिसी बल्ले बाथ (चावल दल और सब्जी को मिला कर बनने वाला क्षेत्रीय व्यंजन) बनायेगें
फ़िर चले खाने के स्टाल्स की तरफ़
बोर्ड पर लिखा वड़ा, avrekai डोसा , पूरी और avrekai सागू ,obbatu avrekai के आटे से बना ओब्बतु (मीठा पराठा -गुड का बना ) , अवरेकई उपमा, अवरेकई ginnu (दूध से बनी मीठी डिश )
हर डिश बीस रुपये से कम की थी उपमा और वड़ा दस रुपये प्लेट थे ,डोसा बीस रुपये का था
हमने avrekai डोसा और वड़ा लिया
वड़ा डाल वड़ा की तरह था,अन्दर avrekai पड़ी थी ,चटनी नहीं मिली
पर असली आनंद आया गरमागरम डोसा खाने में
उत्थापम की तरह बने दोसे के ऊपर हरी अवरेकई की फली और प्याज का कुरकुरा मिश्रण पड़ा था
साथ में अवरेकई से बनी गरम साम्भर
बिटिया रानी के लिए उपमा और वड़ा पैक करा लिया
उन्हें मेले ठेले से डर लगता है
फ़िर सोच अन्दर दुकान में नज़र मार लें ,आख़िर इतनी भीड़ क्यों है
वहां बाल्टियों में अवरेकई के बने नमकीन भरे थे
जिन्हें खरीदने के लिए लोग बेकाबू हो रहे थे
हमने भी निपट्टू (अवरेकई भर कर बना मठरी जैसा नमकीन ) ख़रीदा
जाडे की इस फली का इंतज़ार रहेगा

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