Saturday, December 27, 2008



भूखी महाशक्ति -सड़ता अनाज
पिछली एक पोस्ट में पंजाब में सरकारी खरीद के गेंहू के खुले आसमान के नीचे सड़ने का ज़िक्र किया था
चंडीगढ़ से प्रकाशित 'ट्रिब्यून' में चितलीन सेठी ने लिखा है
सरहिंद जिले में सड़ता यह अनाज पंजाब कृषि उद्योग निगम द्वारा हजारों टन कीखरीद का है और इस मौसम में खुले में सड़ गया है
राज्य में कुछ स्थानों पर इस वर्ष मई में ख़रीदा अनाज यह खुले में चबूतरों पर रखा हुआ था
कोटला भाई के गांव और डेरा मीर गांव में हजारों टन खरीद में कीडे लग गए हैं .
पंजाब राज्य में लाखों टन की खरीद, परिवहन और गेहूं के भंडारण के अभाव में नष्ट हो जायेगी .
कोटला भाई के गाँव में 16,000 टन गेहूं खुले में रखा है
इस सत्र में (2008-2009) की खरीद किया गेहूं चबूतरे पर एक लकड़ी के बक्से में stacked हैं.
तिरपाल से पूरी तरह ढँक न पाने से दीमक लग गई है
डेरा मीरा मीर गांव में गेहूं की 11,000 टन भंडारित है.
इस गेहूं का एक बड़ा हिस्सा पिछले मौसम में खरीदा था.
इस में से अधिकांश गेहूं का ताजा स्टॉक कीड़े (susri) और कवक से पीड़ित है.
इसके अलावा कीटनाशकों के साथ समय पर इलाज नहीं किया गया.

एमडी, पंजाब कृषि उद्योग निगम, एस के संधू ने कहा कि अधिकारियों की एक टीम को गांवों में कल नुकसान की सीमा की रिपोर्ट के लिए भेजा जाएगा. "मामले में जिम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई होगी " उन्होंने कहा.
आगामी महीनों में इस समस्या के और बढ़ने की सम्भावना है
यह हाल है महाशक्ति बनने का सपना देखने वाले देश का
जहाँ आधी से ज़्यादा जनता बीस रुपये से कम में जीने पर मजबूर है
वैसे भी बीस रुपये में एक किलो आटा तो नहीं मिलता

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