Monday, May 18, 2009
MTR में पार्टी
बजट पार्टी हमारे दफ्तर की परंपरा है ,जो वित्तीय वर्ष के पूरे होने पर दी जाती है
मेरे सुझाव पर सहयोगी इसे ८५ वर्ष पुराने MTR रेस्तरां में लंच करने पर राजी हो गए
आखिर बंगलोर के इस लैंडमार्क रेस्तरां में भोजन करना सबकी दिली ख्वाहिश रहती है
१९२४ में मैया बंधुओं द्वारा स्थापित यह भोजनालय इस पीढी में हेमामालिनी मैया बखूबी चला रहीं हैं
उदिपी ब्राह्मण शैली के भोजन की परंपरा जारी है
पुरानी दो मंजिला बिल्डिंग के आगे घंटों कतार लगती है
भोजन अनुरागी ग्राहकों की ,जो इसके भोजन की शुद्धता के कायल हैं
अंदर दीवारों पर रवि वर्मा के तेल चित्र
लगता है कि दुनिया कहीं थम सी गयी है ,कुछ भी बदला नहीं
फर्नीचर के नाम पर लाल प्लास्टिक की कुर्सियां
वेटिंग वाले सज्जन लकडी की बेंच पर बैठे अपनी बारी का इंतज़ार करतें हैं
घुटनों तक मोड़ी धोते पहने ब्राह्मण वेटर जनेऊ का विज्ञापन करते प्रतीत होते हैं
पुरानी दो मंजिला बिल्डिंग के आगे घंटों कतार लगती है गुणी ग्राहकों की
जो इसके भोजन की शुद्धता के कायल हैं
उन्हें इंतज़ार रहता है शुद्ध घी में पके भारी भरकम मसाला डोसा का
सूजी की बनी रवा इडली का ,जिसके साथ पाल्या (गीलीसब्जी) मिलती है,साम्भर नहीं
मीठे के लिए केसरी बाथ और बादाम हलवा
साथ में चाँदी के ग्लास में फिल्टर काफी
आपातकाल के दौरान जब सरकार ने फ़ूड कण्ट्रोल एक्ट के तहत
इडली/वड़ा, डोसा के रेट ज़बरदस्ती कम कर दिए थे ,
तो इस कीमत पर अपनी गुणवत्ता से समझौता करने के बजाय मालिकों ने होटल बंद कर पिसे मसालों की दूकान खोल ली ,जो आज एक अलग बड़ा व्यवसाय है
लेकिन लंच के समय केवल थाली मिलती है
उस दिन शुरुआत हुई चाँदी के ग्लास में अंगूर के रस से
फिर चाँदी कि थाली मैं सबसे पहले कसुम्ब्री- भीगी मूँग की दाल का सलाद आया
बारी थी सादे दोसे की ,जिसे नारियल की चटनी के साथ परोसा जा रहा था
दोसे वाली आलू की सब्जी की जगह दो तरह का सूखा पाल्या आया .
घिसे नारियल के मसाले में पकी पत्ता गोभी और बीन्स की सब्जियां ,जिसमे राई का बघार लगा था
नया अनुभव था इस तरीके से डोसा खाना
अब बारी थी पुलाव की -आज के दिन कर्णाटक का विशिष्ट व्यंजन बीसी बेले बाथ -साथ में खीरे का रायता और आलू चिप्स , मसालेदार गरमा गर्म पुलाव खाकर मीठे की तलब हुई
ताज़ा बनी जलेबी और खीर जैसी पायसम हाज़िर थी
इसके बाद चावल के साथ साम्भर और रसम
अंत में MTR का प्रसिद्ध कर्ड राइस ,जिसमे अनार के दाने दिख रहे थे ,स्सथ में निम्बू का अचार
अभी चाँदी की कटोरी में fruit सलाद के साथ वनिला आइस क्रीम भी आनी बाकी थी
फिर आखिर में पान
सहयोगी खुश थे ,अगला वित्तीय वर्ष भी अच्छा बीते
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