Tuesday, May 12, 2009


वाह ला पिआजा
अगर गाँधी परिवार को दिल्ली में अच्छा इटालियन खाना चाहिए
तो दिल्ली के hyatt होटल के 'ला पिआजा ' रेस्तरां में ही जाना पड़ता है
आखिर लगातार दो सालों से इसे दिल्ली के सर्वश्रेष्ट इटालियन भोजन का खिताब मिल रहा है
गुणी जन तो इसे हिंदुस्तान के सबसे बढ़िया इटालियन भोजन का अड्डा बतातें हैं
पांच तारा होटल के अन्दर बने इस रेस्तरां में यूरोपीय sidewalk कैफे जैसा माहौल है
बीचो बीच बने लकडी के कोयले के ओवेन में शेफ लोग पिज्जा लगाते दिखते हैं
ढेर सारे विदेशी ग्राहकों की उपस्थिति विश्वास दिलाती है कि अच्छे इटालियन खाने की तलाश में
हम लोग सही जगह पहुँच गएँ हैं
वैसे तो पूरे देश में तंदूरी और चीनी खाने के बाद अब इटालियन खाने की धूम मची हुईं है
हर गली के नुक्कड़ पर मिलने वाले अमूल पिज्जा की तरह
मध्यवर्गीय शादियों में भी live पास्ता काउंटर का हों अनिवार्य सा हैं
जहाँ टमाटर के लाल सॉस या क्रीम /चीज़ के सफ़ेद सॉस में
बेबी corn, पेप्पर,मशरूम और broccoli जैसी विदेशी सब्जियां तली जाती हैं
और आपकी प्लेट में गार्लिक ब्रेड या ओलिवे आयल में भीगे toast के साथ पेश की जाती हैं
आप भी खुश,मेजबान भी खुश
लेकिन इटालियन भोजन में पास्ता /पिज्जा से आगे भी बहुत कुछ है
इसमें इटली के अलग अलग क्षेत्रों (जैसे सिसिली) के अलावा रोमन /मुस्लिम सांस्कृतिक जीवन की छाप भी है
mediterrean समुद्र के पास होने से समुंदरी मछली और जैतून के तेल के प्रयोग से खाने की अलग रंगत है
यहाँ पर खाना कई कोउर्सेस में पेश करते हैं (भारत में बंगाली भोजन की तरह)
सबसे पहले antipasti, - भोजन से पहले शुरुआती व्यंजन
जिसमें cured meats, ऑलिव्स , भुने लहसुन , pepperoncini, मुशरूम्स , anchovies, artichoke hearts, तरह तरह की चीज़ ,peperone (marinated small green bell peppers)
इस सबमें ओलिवे आयल का प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल होता है
इसके बाद primo - first course आता है जो पेट भरने वाली महत्वपूर्ण डिश होती है
जैसे risotto (खिचडी जैसी) या pasta,gnocchi, polenta या soup.
"second course",में मांस या मछली की बनी कोई डिश होती है
"side डिश". में हरा भरा सलाद या हलकी तली सब्जियां मिलती हैं
आखिर में मीठे के नाम पर पहले चीज़, कटे फल फिर केक और कुकिएस
आखिर में काफ़ी
हम लोग तो ला पिआजा के ओवेन से मंत्र मुग्ध थे
उसमे ताजा bake किये हुए बन(Focaccia )के साथ कटे टमाटर,पिसे लहसुन का olive आयल में पगी चटनी जैसी साइड डिश बार बार खाते रहे
यह complementary था
साथ में पतली margherita पिज्जा ,हलकी भुनी सब्जियां
और दो पास्ता की डिश (spaghetti और penne ) मगायीं गयीं
भोजन दिव्य था ,पर ऐतिहासिक नहीं
पांच लोगों का बिल ३८९२ रुपये का था
अब पता चला कि इस होटल में विदेशी ग्राहक ही क्यों ज्यादा आते हैं

1 comment:

Udan Tashtari said...

खाना है तो लज़ीज मगर.