Wednesday, April 8, 2009


पनीर पुराण
जब इंगलैंड की राष्ट्रीय डिश के रूप में 'चिकन टिक्का मसाला' को मान्यता मिल चुकी है
क्यों न भारत की सबसे पसंदीदा डिश का खिताब 'पनीर बटर मसाला' को दे दिया जाये
आखिर हिंदुस्तान के हर कोने में यह मिल जाती है
बनाने का तरीका चाहे जो हो , दिखती एक जैसी है
लाल टमाटर के सास में पके पनीर के टुकड़े
उसमें मक्खन और फ्रेश क्रीम का समावेश
अदरक लहसुन और काजू के पेस्ट का असर भी दिखता है
सजावट के लिए हरी धनिया के पत्ते
रोटी या नॉन के साथ लुत्फ़ उठाईये
इस डिश में कुछ तो ख़ास होगा जो हर ढाबे /रेस्तरां के मेनू में होना इसका लाजिमी है
सुना है कि एक बार जब भोजन भट्टों के आध्यात्मिक गुरु उदिपी पधारे थे
उनके स्वागत में जब 'पनीर बटर मसाला' पेश की गयी
तो उन्होंने मालिक से पूछा क्या आप लोग भी इस industrial waste को खाते हैं
जवाब मिला कि हम लोग तो खुद नीर डोसा और सूखा चिकन (मसाले में भुना हुआ) खाने वाले हैं
आप को भी हम पेश कर देते
पर दिल्ली से आये हुए गेस्ट इसके बिना संतुष्ट नहीं होते
मेरा निजी अनुभव भी कुछ ऐसा ही रहा है
बचपन में छेने की सब्जी शादी ब्याह के भोज में खायी थी
पर पनीर का प्रचलन तब नहीं था
शायद अमूल डेरी की दुग्ध क्रांति का असर उत्तर प्रदेश के शहरों तक नहीं पहुंचा था
लेकिन नौकरी में आने के बाद लगा
पंजाब /हरियाणा और दिल्ली में किसी शाकाहारी आदमी के लिए
पनीर की सब्जी खाने के बिना जीना असंभव है
बंगलोर में १९९१ के दौरान दफ्तर के मुलाजिम पनीर की गुणवत्ता से अनभिज्ञ थे
लेकिन अब तो हर जगह पनीर उपलब्ध है
अपने अनेक रूपों में
मुझे भी आदत डालनी पड़ेगी

2 comments:

VIMAL VERMA said...

संजयजी, आपके पकावानों की लिस्ट तो देख रहा हूँ आश्चर्यचकित कर दे रहे हैं,याद है हम भी इलाहाबाद में अपने कमरे में तरह तरह की तहरी खाई है,और साथी प्रमोद भी भोजन में हमेशा प्रयोग के हिमायती रहे है जो आज तक बरकारार है,भोजन भट्ट की रसोई कोप देखकर अब आपसे मिल कर आपको देखने का जी कर रहा है..पता नहीं सम्भव हो पायेगा या नहीं?

bhojan bhatt said...

विमल भाई
जल्दी मिलेंगे
इंशाल्लाह