Friday, May 9, 2008

मुट्टा डोसा



मुट्टा डोसा
वैसे तो आपने मसाला डोसा और उत्तपम खाया ही होगा .
शायद पनीर डोसा या कीमा डोसा चखने का अवसर भी मिला हो,
पर मुट्टा डोसा ,यह क्या बला है .
किसी कुक बुक या टी.वी .शो में भी इसका जिक्र नहीं आता है.
दरअसल मुट्टा डोसा (माने अंडा डोसा) जनता जनार्दन का डोसा है,
 जो सिर्फ़ गलिओं और बाजारों में ठेलों पर बिकता है.
 सस्ता .गुणकारी स्वादिष्ट स्ट्रीट फ़ूड.
अगर किसी शहर की आत्मा
उसके गली कुंचों में बिकने वाले ठेले/खोमचे के चटपटे खाने में बसती है
तो मुट्टा डोसा बंगलोर/मद्रास का खाने का बादशाह है.
बंगलोर में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के बीच का मजेस्टिक इलाका हो
या शिवाजीनगर -इन्फंट्री रोड के पास की सड़कें ,यहाँ मुट्टा डोसा ही चलता है.
रात में बस से उतरने वाले मुसाफिर हों
 या सिनेमा का आखिरी शो देखकर निकले दर्शक. भू
खी आत्माओं का यही सहारा है.
रात मे ग्यारह बजे के बाद किसी ठेले के आसपास भीड़ देखें,
तलने की खुशबू ख़ुद ब ख़ुद आपको खींच ले जायेगी.
अनवरत जलती अंगीठी पर काले पड़ चुके तवे पर पानी एक बड़ा चमच तेल डाला जाएगा
तेल गरम होने पर एक कटोरी डोसा मिश्रण ,दोसे की शक्ल में फैलाया जाएगा
फिर असली कारीगरी शुरू होगी.
बगल में रखे अंडे की ट्रे से एक अंडा निकला जायेगा
और कलाई की एक ही घुमाव में उसे दोसे के ऊपर फोड़ कर ,
उसे कटे प्याज.धनिया ,मिर्च से ढक देंगे .
अब बारी है गुप्त मसाले को छिड़कने कीडोसा पलटा जाएगा .
आप बेताब होंगे .चटनी के साथ प्लेट में आपको परस दिया.
चख कर बताइए ,कैसा है.
विधि
१ कप डोसा मिश्रण *१ अंडा
कटी हुई प्याज.धनिया, हरी मिर्चपिसा जीरा ,मिर्च,नमक
१ चमच तेल पहले नॉन स्टिक तवे को आधी कटी प्याज से पोंछ कर साफ कर लें
फ़िर १/२ चमच तेल डालकर गरम होने देंअब तवे पर डोसा मिश्रण फैलायें
 १ कटोरी में अंडे को फेंट कर मसाले व कटी हुई प्याज.धनिया, हरी मिर्च के साथ मिला लें इसे अब दोसे के ऊपर पलट दें १/२चमच् तेल साइड से डालें
१ मिनट बाद दोसे को तवे पर पलट कर अंडे के पक जाने तक सेंके चटनी के साथ आनंद से खाएं


चित्र साभार
*डोसा मिश्रण आजकल महानगरों में बड़ी दुकानों में आसानी से मिल जाता हैघर में बनाना हो तो साधारण चावल और उरद की दाल को ३:१ के अनुपात मे रात भर भिगो कर सुबह पींस लेंचंडीगढ़ में ४७ सेक्टर के बाज़ार में सिंगला स्टोर्स और जैन भाई की दुकान पर तैयार मिश्रण मिल जाता है

2 comments:

VIMAL VERMA said...

अच्छा तो लग रहा है..अंदाज़ आपका पसन्द आ रहा है ..अब घर पर बना कर देखेंगे तब समझ में आयेगा.....अच्छा है

Unknown said...

संजय भाई कैसे है? मुलाकात न सही इस बहाने कुछ नए पकवान ही खाने को मिलेगा